Wednesday 25 January 2017

ट्रंप ने मोदी को फोन कर अमेरिका आने का दिया न्योता, और क्या-क्या कहा जानिये

अमेरिका भारत का सच्चा दोस्त है और आतंकवाद के खिलाफ दोनों देश साथ मिलकर लड़ेंगे। मंगलवार रात अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फोन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर आतंकवाद के खिलाफ साथ लड़ने का संकल्प दोहराया। ट्रंप ने मोदी को भरोसा दिलाया कि अमेरिका भारत का सच्चा दोस्त है और दोनों देश साथ मिलकर चुनौतियों का सामना करेंगे। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने दोनों देश के प्रमुख के बीच फोन पर हुई बातचीत की जानकारी दी। 
पीएम मोदी ने अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत आने का न्योता भी दिया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर बताया है कि उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति को भारत आने के लिए आमंत्रित किय़ा है और हमारे बीच काफी गर्मजोशी भरे माहौल में बातचीत हुई।

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President @realDonaldTrump and I agreed to work closely in the coming days to further strengthen our bilateral ties.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 25, 2017

वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने भी पीएम मोदी को अमेरिका के दौरे के लिए आमंत्रित किया है। दोनों देशों के प्रमुख के बीच दक्षिण और मध्य एशिया की सुरक्षा और आर्थिक रिश्ते की मजबूती को लेकर भी बातचीत हुई।

भारत के साथ मजबूत रिश्ता चाहते हैं ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप भारत के साथ मजबूत रिश्ते बनाना चाहते हैं। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान अपने प्रचार अभियान में भी ट्रंप ने जिन देशों के साथ संबंधों को मजबूत बनाने की बात कही थी उसमें भारत का भी नाम शामिल था।
यहां यह बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की ऐतिहासिक जीत पर पर जिन पांच नेताओं ने सबसे पहले बधाई दी उनमें पीएम मोदी भी शामिल हैं।
ट्रंप ने भारत की तेज विकास दर, मोदी द्वारा नौकरशाही और अर्थव्यवस्था में किए गए सुधारों की प्रशंसा भी की थी। उस वक्त ट्रंप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे। उन्होंने प्रचार अभियान के दौरान कहा था कि भारत अमेरिका का एक अहम रणनीतिक सहयोगी है।

इनवेस्टर्स च्वाइस लि‍स्ट के टॉप-5 देशों से बाहर हुआ इंडिया, विश्व आर्थिक मंच पर गिरी छवि


केंद्र सरकार दावा कर रही है वैश्विक आर्थिक मंदी का असर भारत पर नहीं पड़ा है। वहीं ‘वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम’ के मंच से भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए निराशाज़नक ख़बर आई है।
भारत दुनिया के आर्थिक देशों के लिए एक बड़ा बाज़ार है, जहां निवेश की अपार संभावनाएं हैं। इससे बावजूद दुनिया के निवेशक भारत में इन्वेस्ट करने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। दरअसल स्विट्जरलैंड के दावोस वर्ल्ड इकोनॉमि‍क फोरम की एनुअल मीट में कंसल्टेंसी फर्म PwC ने पांच टॉप देशों की लिस्ट जारी की है जो निवेश के दृष्टिकोण से सबसे बेहतर जगह हैं।
रि‍पोर्ट के मुताबि‍क, ग्रोथ के नज़रि‍ए से देखें तो दो बाजार सबसे ऊपर बताए गए हैं। पहले पायदान पर अमेरि‍का और दूसरा पायदान पर चीन। भारत इनवेस्टर्स च्वाइस लि‍स्ट में टॉप 5 से बाहर हो गया है।  
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
अमेरिका को 43% लोगों ने निवेश के लिए बेहतर जगह बताया।  
33 फीसदी लोगों ने चीन को निवेश के लिए अच्छा देश बताया।
जर्मनी को 17 फीसदी और ब्रि‍टेन को 15 लोगों ने निवेश के लिए अनुकूल जगह बताया।
8 फीसदी लोगों ने जापान को नि‍वेश के लिए पसंद किया।
वहीं भारत को सिर्फ 7 फीसदी वोट ही मि‍ले।
गौरतलब है कि 2016 में भारत टॉप 5 देशों में शामि‍ल था। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में निवेश को लेकर दुनियाभर के सीईओ ने उदासीनता दिखाई है। हालांकि भारतीय सीईओ का नज़रिया बाहरी सीईओ से अलग है। देश के करीब 71 फीसदी सीईओ को भरोसा है कि सालभर के भीतर स्थिति सुधरेगी और कंपनियों का मुनाफ़ा भी बढ़ेगा।
दुनियाभर की दिग्गज कॉरपोरेट हस्तियां ‘वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम’ में शिरकत कर रहे हैं। एनुअल मीट में भारत की नोटबंदी से लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों का मुद्दा भी छाए रहने की उम्मीद है।

भारत की वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी बैठक में शिरकत कर रहे हैं। साथ ही नीति आयोग के सीईओ, इंफोसिस सीईओ और राहुल बजाज, जेएसपीएल के चेयरमेन नवीन जिन्दल सहित देश के 90 कॉरपोरेट्स सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं।

भारत के लिए दावोस वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम काफी अहम माना जा रहा है। अगर भारत विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में सफल होता है तो इससे देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।